आज के पोस्ट में हम बात करने वाले है जल संकट के क्या क्या कारन है?
जल, जीवन का एक अमूल्य हिस्सा है। यह हमारे दैनिक जीवन और पर्यावरण का संतुलन का आधार है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या, और जलवायु परिवर्तन और संसाधनों के अनुचित उपयोग के कारण जल संकट एक वैश्विक समस्या बन गया है। भारत जैसे विकासशील देशों में यह संकट और भी गंभीर हो गया है ।
जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण का ज्यादा होना- जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, जल की मांग भी तेजी से बढती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहरी क्षेत्रों की ओर जाने लगे है इसलिये शहरों में जल की मांग को कई गुना ज्यादा बढ़ गया है। यह जल संकट का एक प्रमुख कारण है।
जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से होना - सूखा और बारिश का न होना,अथवा जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बड़े बदलाव हुए हैं। अनियमित वर्षा और सूखा जल संसाधनों को प्रभावित कर रहा हैं। इसके चलते भी जलभंडार खाली हो रहे हैं, और पीने के पानी की उपलब्धता कम हो रही है। बारीश का न होना एक बड़ी समस्या है | लोग घरेलू, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में जल का बहुत ज्यादा उपयोग और बर्बाद कर रहे है। पानी के अनुचित उपयोग और उसके संरक्षण के प्रति लापरवाही ने जल संकट को और बढ़ा दिया है।
कृषि क्षेत्र में पानी अत्यधिक उपयोग किया जाता है- भारत में कृषि क्षेत्र जल उपयोग का सबसे बड़ा उपयोग किया जाता है। सिंचाई पद्धतियों और जल-गहन फसलों (जैसे धान और गेहू , गन्ना) की खेती में जल का उपयोग ज्यादा किया जाता है, यह कारण भी जल संकट का कारण बनता जा रहा है |
औद्योगिकरण और जल प्रदूषण भी बडा कारण है- बहुत तेजी से हो रहे औद्योगिक विकास के कारण भी जल स्रोतों में रासायनिक और औद्योगिक प्रदूषण छोड़ा जा रहा है। यह जल को प्रदूषित कर रहा है और यह मनुष्य के उपयोग के लिए नहीं बना रहा है। कम्पनिया भी जल के संकट का का कारण है |
अत्यधिक पेड़ो की कटाई करना- पेड़ो की अत्यधिक कटाई करना भी, जल संकट का कारण है ,इसकी वजह से जलभरण क्षेत्रों की क्षमता घट गई है। इससे भूजल स्तर में कमी और जल संकट गहरा होता जा रहा है | आज का लेख अगर आपको पसंद आया है तो कमेन्ट कर के अपना जबाब जरूर देना की पोस्ट आपको कैसा लगा |
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